धातु निर्मित मांझा क्रय नही करने की अपील घायल पक्षियों के तत्काल चिकत्सा के लिए नजदीकी पशुचिकित्सा संस्था से संपर्क करें

प्रतापगढ़। मकर सक्रांन्ति का पर्व प्रति वर्ष जनवरी माह में हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है, इस पर्व पर प्रत्येक क्षेत्र में पंतगें उडाई जाती है। पतंगबाजी हेतु धातुओं के मिश्रण से निर्मित मांझा (पंतग उडाने के लिये पक्का धागा, नायलोन / प्लास्टिक मांझा, चाईनीज मांझा जो सिंथेटिक / टोक्सिक मटेरियल यथा आयरन पाउडर, ग्लास पाउडर का बना हो) का उपयोग किया जाता है, जो धारदार तथा विद्युत का सुचालक होता है जिसके उपयोग के दौरान दो पहिया वाहन चालकों तथा पक्षियों को अत्यधिक जानमाल का नुकसान होने की संभावना रहती है। इस समस्या एवं खतरे के निवारण हेतु आवश्यक है कि धातु निर्मित मांझा के उपयोग एवं विक्रय को निषेध किया जावें। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक (जिला पशु कुरता निवारण समिति के सदस्य सचिव) डॉ. श्रीनिवास सावले ने दुकानदारों से धातु निर्मित मांझे का विक्रय नहीं करने की अपील की है, साथ ही पंतगबाजी से घायल पक्षियों की तत्काल चिकित्सा कराने हेतु नजदीकी पशुचिकित्सा संस्था से सम्पर्क करने हेतु निर्देश जारी किये गये।
डॉ. श्रीनिवास सावले ने बताया कि जिले में 14 जनवरी 2024 से 30 जनवरी 2024 तक पशु कल्याण पखवाडा मनाया जायेगा, जिसमें पशु बांझ निवारण एवं पशु शल्य चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि जिले की सभी गौशालाओं में गौवंश को कृमिनाशक औषधि खिलाई जायेगी, तथा वाद-विवाद प्रतियोगिता, गोष्ठियां एवं पशु कल्याण जन जागृति आदि कार्यकम आयोजित किये जायेगें।