प्रतापगढ़। जिला मुख्यालय पर स्थित मंदिर की बेशकीमती कृषि भूमि को भू माफिया द्वारा अपने नाम कर लेने को लेकर आज मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी के साथ शहर वासियों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री के नाम एडीएम को ज्ञापन सौंपा गया। मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारीयों ने आरोप लगाया कि भू माफियाओं ने राजस्व कर्मियों से मिलीभगत कर मंदिर भूमि को अपने नाम कर लिया।
एडीएम को सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि पूर्व में इस जमीन को किशनलाल तेली और उसके साथियों ने अपने नाम करा ली थी जिसे मंदिर ट्रस्ट के कार्रवाई करने पर राज्य सरकार के आदेश से यह भूमि मंदिर ट्रस्ट के नाम दर्ज हुई। इसके बाद मंदिर ट्रस्ट की और से इस भूमि पर अतिक्रमण रोकने के लिए राजस्व न्यायालय प्रतापगढ़ में स्थाई निषेधाज्ञा के लिए वाद दायर किया गया। यह वाद अभी लंबित है। इस मामले में अस्थाई निषेधाज्ञा भी भूमाफियाओं के खिलाफ जारी हुई थी। मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने बताया कि भूमाफियाओं ने तथ्यों को छुपा कर प्रतापगढ़ तहसीलदार के माध्यम से वाद ग्रस्त आराजी को अपने नाम करवा ली। जबकि राजस्व रिकॉर्ड में यह भूमि नाबालिग मूर्ति मंदिर के नाम दर्ज है। इस जमीन को भू माफियाओं ने तुरत फुरत में खुर्द बुर्द कर बेच दी और अब इस पर प्लाट काटने की तैयारी कर रहे हैं। मंदिर की जमीन को बेचने के विरोध में बड़ी संख्या में लोग वाहन रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे और तहसीलदार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। लोगों ने मंदिर की जमीन को पुन मंदिर के नाम दर्ज करने की मांग की, साथ ही उनकी मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी गई।
