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अफीम किसान अपनी जान की बाजी लगाकर रात दिन जागकर अफीम की खेती की देखभाल करते हैं, कभी जंगली जानवरों का खतरा तो कभी मौसम का इन दोनों से बचाव करें तो स्मगलरों व चौरों का खतरा अफीम किसान अपनी फसल को बचाने में अपनी जान की बाजी लगाकर फसल कि हिफाजत करता है। फिर भी किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिलता है।
अफीम किसानों सहित आमजन भी है अचरज में कि अफीम के साथ पकड़े जाने पर अंतरराष्ट्रीय कीमतों के आधार पर मिलती है सज़ा लेकिन गरीब किसानों को 800रू से लेकर 5 हजार रूपए तक ही सीमित क्यों??
प्रतापगढ़। जिले में अफीम किसानों के अफीम का तोल जारी है जिसमें प्रत्येक दिन किसान अपनी गाड़ी मेहनत की कमाई सरकार को सौंप रहे हैं।
भारतीय अफीम किसान विकास समिति प्रतापगढ़ संरक्षक रामनारायण जाट, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भगवानसिंह, जिला अध्यक्ष एड.मोहनलाल कुमावत व जिला उपाध्यक्ष पर्वतसिंह ने बताया कि किसानों द्वारा
कड़ी मेहनत और ईमानदारी की
अफीम किसानों को 10 आरी का लाइसेंस सरकार द्वारा दिया गया था जिसमें किसान प्रति दस आरी 65 से लगाकर 75 की औसत के हिसाब से सरकार को सौंप रहे हैं (6 किलो 500ग्राम से 7 किलो 500ग्राम तक)। जिसका सरकार द्वारा किसानों को प्रति किलो अफीम का मूल्य₹800 से लगाकर ₹5800 तक औसत अनुसार दिया जाता है।
महंगाई के अनुपात में किसानों को ऊंट के मुंह में जीरा कहे तो अतिशयोक्ति नहीं होगी क्योंकि किसानों का जुताई खाद दवाई निराई गुड़ाई लुवाई चिराई जाली तार फेंसिंग एवं पानी का खर्चा लगभग 80000 से 120000 के बीच होता है। किसान दिन रात शाम सुबह अपने खेत की रखवाली कर सरकार को अपनी फसल देता है फिर भी सरकार एवं सरकार के नुमाइंदों ने आज तक किसानों को सही कीमत नही दिलाई अफीम किसानों का शोषण किया है। जबकि अफीम के अंतरराष्ट्रीय कीमत ₹100000 प्रति किलो है जब भी पुलिस मुकदमा केस बनाती है तो प्रत्येक किलो की अंतरराष्ट्रीय कीमत ₹1 लाख दर्शाती हैं जबकि किसानों को उसके एवज में मात्र 1000 हजार से ₹2000 प्रति किलो सरकार देती है। अगर यह अंतर सरकार कम करती है तो तस्करी पर लगाम लगेगी, रोक लगेगी और किसान खुशहाल होगा किसानों का भला होगा और तस्करी पर लगाम लगेगी। भारती अफीम किसान विकास समिति प्रतापगढ़ सरक्षक रामनारायण जाट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भगवान सिंह जिला अध्यक्ष एडवोकेट मोहनलाल कुमावत जिला उपाध्यक्ष पर्वत सिंह व रूपलाल इत्यादि ने सरकार से मांग करी है की किसानों का शोषण बंद किया जाए और उनको महंगाई के अनुपात में अफीम की सही और उचित कीमत दी जाए।
