नरेंद्र ने ड्रीम इलेवन से जीते एक करोड़ 40 लाख

 

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Not: लाखों लोग इस खेल में अपनी किस्मत आजमाते हैं तब जाकर किसी एक को मौका मिलता है। कृपया ख्वाब, ड्रीम पुरे करने के लिए मेहनत भी जरूरी है।

प्रतापगढ़। शहर के इंदिरा कॉलोनी निवासी नरेंद्र दमामी ड्रीम 11 पर कई वर्षों से अपनी टीम बनाकर खेल रहा है। लेकिन अबकी बार ऊपरवाला मेहरबान हो गया और नरेंद्र ने 1 करोड़ 40 लाख का इनाम जीत लिया। नरेंद्र को इस बात का स्वप्न में भी जरा भी पता नहीं था कि उसका मुकद्दर इस कदर से उसका साथ देगा कि उसकी किस्मत ही बदल जाएगी। नरेंद्र ड्रीम 11 से अचानक से रातो रात करोड़पति बन गया और नरेंद्र दमामी के एक करोड़ चालीस लाख जीतने के बाद उसके पिता मन्नालाल जो कि बैंड बजाने का कार्य करते है वे बहुत प्रसन्न हैं अपने बेटे के करोड़ पति बनने से, नरेंद्र दो वर्षों से ड्रीम 11 में अपनी टीम बना कर खेल रहा था और उसको अपने आप पर पूरा भरोसा था कि वह एक न एक दिन एक करोड़ रुपए जरूर जीतेगा और यही कारण रहा कि दो वर्षों तक वह लगातार अथक प्रयास करता रहा और अपनी टीम बनाता रहा। जिसके नतीजे पर नरेंद्र का कहना है कि उसने पंजाब और बेंगलूर के बीच हुए मैच में ड्रीम 11 पर टीम बनाई फिर बेंगलूर की जीत पर 1 करोड़ का सेकंड प्राइस जीता और साथ ही एक अन्य कंटेस्ट में चालीस लाख का इनाम भी जीता। एक ही टीम को दो अलग अलग कंटेस्टेंट में लगाकर नरेंद्र एक ही दिन में दो बार विनिंग प्राइस जीत गया। और जितने पर जैसे ही नरेंद्र ने अपनी माता-पिता को बताया कि में ड्रीम 11 में एक करोड़ रुपए जिते है तो उनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। और जेसे ही दोस्तों ने वाट्सएप वायर किया तो पूरे शहर के लोग उसके माता-पिता और नरेंद्र को शुभकामनाएं दे रहे हैं। प्रतापगढ़ जिले में अबतक दो लोग जीत चुके हैं एक करोड़ रुपए लोगो की माने तो जिले में ड्रीम 11 में 1 करोड़ रकम जीतने वाला वह दूसरा विजेता बना है। इस पुरे घटनाक्रम पर नरेंद्र दमामी का कहना है कि ड्रीम 11 में मैच खेलना इतना भी आसान नहीं हैं क्योंकि वह स्वयं दो वर्षों से लगातार अपनी टीम लगा रहा है। हालांकि अब जा कर उसका मुकद्दर चमका है सबसे बड़ी बात ड्रीम 11 में टीम बनाने के लिए दिमाग का सही इस्तेमाल करना बहुत जरूरी होता है। आगे नरेंद्र दमामी ने बताया कि जीते हुए 1 करोड़ 40 लाख में से टैक्स कटकर बाकी के 98 लाख रुपए उसके अकाउंट में आयेंगे जिससे सबसे पहले वह अपना मकान बनवाएगा।
नरेंद्र हाल फ़िलहाल में एक किराये के मकान में रहता है और अपने परिवार के भरण पोषण के लिये उसके पिता मध्यप्रदेश के इंदौर में शादियों में बैंड बजाने का कार्य करते है। नरेंद्र भी प्रतापगढ़ में एक बैंड में ड्रंप पैड बजाता है । नरेंद्र ने बताया कि शादियों के सीजन में 500 रुपए तक दिहाड़ी मजदूरी मिल जाती है और अन्य दिनों में घर खर्च भी भारी पड़ता है। ऐसे में उपर वाले ने उसकी सुनी है तो अब वो सबसे पहले अपना एक घर बनवाएगा ।