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प्रतापगढ़। एक ऐसी लाइलाज बीमारी जो ना हवा से फैलती है ना पानी से और ना ही भोजन से। माता-पिता से ही बच्चे इस बीमारी से पीड़ित हो जाते है। इसलिए जोड़ियां बनाने से पहले मेडिकल कुंडली का मिलान जरूरी है। दरअसल, देखना यह है दंपत्ति बनने जा रहे जोड़े (वर वधू) में कोई सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित तो नहीं है।
प्रतापगढ़। ज़िला कलेक्टर डॉ अंजली राजोरिया ने जानकारी देते हुए बताया कि चिकित्सा विभाग द्वारा आदिबाहुल्य क्षेत्र प्रतापगढ़ में 0 से 40 साल तक के आयु वर्ग के लोगों की सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीन करवाई गई, जिनमे 165 लोग सिकल सेल एनीमिया पॉजिटिव पाए गए। जबकि करियर के तौर पर 86 लोग चिन्हित किए जा चुके हैं। आभियान के तहत स्क्रीनिंग का कार्य अभी चल रहा हैं। ज़िला कलेक्टर ने बताया की ज़िले के तकरीबन 4 लाख 8 हज़ार लोगों की स्क्रीनिंग करवाई जा चुकी हैं। लक्ष्य के अनुसार बाकी के 60 हजार लोगों का स्क्रीनिंग का कार्य चल रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जीवराज मीणा ने बताया कि ये बीमारी मुख्य रूप से आदिवासी समुदायों में है। उन्होंने कहा की इसको हम सब मिलकर अभियान चलाकर खत्म कर सकते है। सीएमएचओ ने बताया की सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन-2047 तक लक्ष्य तय किया गया है। इसको ध्यान में रखते हुए सभी स्कूल, आंगनवाड़ी, नरेगा साइट, हॉस्टल और घर घर जांच करवाएं जा रही है।
सिकल सेल एनीमिया क्या है?
सिकल सेल एनीमिया एक रक्त विकार (ब्लड डिसऑर्डर) है जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलता रहता है। ये बीमारी माता-पिता से ही बच्चे में आती है। ये पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाने के लिए जिम्मेदार लाल रक्त कोशिकाओं (रेड ब्लड सेल) को प्रभावित करता है। मुख्य रुप से आरबीसी हसियाकार के रुप में हो जाता है।सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित इंसान को रक्त प्रवाह में कमी या रुकावट का सामना करना पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप कई लक्षण दिखाई देते हैं जो आम तौर पर छह महीने की उम्र के आसपास नजर आते हैं।
ये हैं इस सिकल सेल एनीमिया के लक्षण
सिकल सेल एनीमिया के लक्षणों में हाथ, पैर और जोड़ों में दर्द, ऑस्टियोपोरोसिस, बार-बार पीलिया, लीवर में सूजन, मूत्राशय में रुकावट/दर्द और पित्ताशय की पथरी शामिल हैं. ये बीमारी शरीर में ऑक्सीजन फ्लो को बाधित करती है, जिससे थकान और पूरे शरीर में दर्द होता है। स्ट्रोक के लक्षण, अचानक कमजोरी, शरीर का सुन्न पड़ जाना, किडनी में समस्या, आंखो के नीचे सफेद हो जाना। हाई ग्रेड फीवर इत्यादि।
क्या है सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन
राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का उद्देश्य विशेष रूप से प्रभावित आदिवासी क्षेत्रों में 0-40 वर्ष की आयु के लोगों के बीच जागरूकता पैदा करके और जांच करके सिकल सेल एनीमिया को खत्म करना है।
जेनेटिक काउंसलिंग ज़रूरी
सिकल सेल एनीमिया बीमारी के उन्मूलन कार्यक्रम में जेनेटिक काउंसलिंग ज़रूरी है। शादी के पहले लड़का और लड़की का मेडिकल रिपोर्ट मिलान कर उन्हें इस रोग के बारे में जानकारी दी जा सकती हैं। जिससे भविष्य में होने वाली इस बीमारी के प्रसार को रोका जा सके।
जन सहयोग से फ़ायदा
बीमारी से पीड़ित को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिल सके।
पाजिटिव और कैरियर रोगी को कार्ड दिए गए हैं, जिससे वह शादी के पहले मिलान कर यह देख लें संतान को तो यह बीमारी होने का जोखिम नहीं रहेगा
इस बीमारी से पीड़ित रोगियों की रक्त की आवश्कता होने पर निशुल्क रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
