संयुक्त अभिभावक संघ ने किया मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के फैसले का स्वागत

 

Voice of Pratapgarh News ✍️ महेश कुमार गुप्ता।

वंचित वर्ग से ही सही राजस्थान सरकार ने केजी से पीजी तक निशुल्क शिक्षा का फैसला लेकर सहारनीय कदम उठाया, हमारी मांग थी सभी वर्गो को मिले निशुल्क शिक्षा

जयपुर। राजस्थान सरकार ने बजट सत्र के दौरान घोषित मुख्यमंत्री किसान शिक्षा प्रोत्साहन योजना लागू करने की घोषणा की थी, जिसके तहत वंचित वर्ग के बच्चों को केजी से पीजी तक निशुल्क शिक्षा उपलब्ध करवाने की योजना बनाई गई थी, जिस पर राजस्थान सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने फैसला लेते हुए योजना को 1 जुलाई से लागू करने की घोषणा की है, अभिभावकों के प्रमुख संगठन ” संयुक्त अभिभावक संघ ने इस घोषणा पर राजस्थान सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के फैसले का स्वागत करते हुए कहा की सरकार ने पहले वादा किया और अब उस वादे को निभाने का फैसला किया है जो बेहद सराहनीय कदम है, प्रदेश के 2 करोड़ से अधिक अभिभावक सरकार के फैसले का स्वागत करते है। “

प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की संयुक्त अभिभावक संघ अभिभावकों और विद्यार्थियों के लिए विगत 4 वर्षों से सक्रियता से कार्य कर रहा है, तत्कालीन सरकार हो या वर्तमान सरकार दोनो सरकारों को लगातार ज्ञापन देकर प्रदेश के सभी वर्गों खासकर गरीब और असहाय वर्ग को निशुल्क शिक्षा देने की मांग की गई थी, तत्कालीन सरकार ने तो अभिभावकों और विद्यार्थियों के भविष्य की ओर नजर उठाकर नही देखा किंतु वर्तमान सरकार ने अपने पहले ही बजट सत्र में ना केवल अभिभावकों की तरफ देखा बल्कि विद्यार्थियों के भविष्य को भी संवारने का कार्य किया। इस योजना से कम से कम वंचित वर्ग के अभिभावकों को बच्चो के भविष्य को संवारने का सपना साकार होगा और बच्चे इस योजना का लाभ लेकर ना केवल प्रदेश का नाम रोशन करेगे बल्कि दुनिया में देश का नाम भी रोशन करेगे।

आय सीमा 2.50 की बजाय 3.50 करने की मांग

अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की वंचित वर्ग को लेकर लाई गई इस योजना में जो आय सीमा 2.50 लाख रु वार्षिक रखी गई है उसे बढ़ाकर सरकार को 3.50 लाख रु वार्षिक करनी चाहिए जिससे वंचित वर्ग के अधिक से अधिक बच्चों को इस योजना का लाभ मिल सके। आजकल महंगाई के दौर में 5 लाख रु वार्षिक इनकम भी कम पढ़ जाती है, क्योंकि मकान का किराया, रसोई और रोजमर्रा की जरूरत में ही 2.50 से 3 लाख वार्षिक खर्च आसानी से हो जाता है, इसलिए राजस्थान सरकार को इस योजना को सफल बनाने और ज्यादा से ज्यादा अभिभावकों और विद्यार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए इस योजना की आय सीमा कम से कम 3.50 लाख रु निर्धारित करनी चाहिए।

अभिषेक जैन बिट्टू
प्रदेश प्रवक्ता & मीडिया प्रभारी
संयुक्त अभिभावक संघ राजस्थान (जयपुर)

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