सरपंच संघ ब्लॉक पीपलखूंट कार्यकारिणी ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

 

Voice of Pratapgarh News ✍️ विरेन्द्र टेलर 

प्रतापगढ़। सरपंच संघ राजस्थान के आव्हान पर ब्लॉक पीपलखूंट के सरपंच संघ ने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नाम 15 सूत्रीय मांगों को लेकर तहसीलदार पीपलखूंट को ज्ञापन सोपा । सरपंच संघ ब्लॉक अध्यक्ष देवी प्रसाद बुझ ने बताया ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग द्वारा संचालित योजनाओं में आ रही समस्याओं को लेकर संघर्षरत रहा है। वर्तमान समय में पंचायतों में आ रही वित्तीय एवं अन्य समस्याओं के बारें में अवगत कराया जा रहा है, जिसका तुरन्त समाधान किया जाये, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में रूके हुए विकास कार्य सुचारू रूप से चल सकें एवं ग्रामीण जनता को राहत प्रदान की जा सकें। दिनांक 14-06-2024 को ज्ञापन के माध्यम से विभागीय उच्र अधिकारियों को अवगत करवाया गया था परन्तु आज तक किसी भी समस्या समाधान नहीं हो सका है ।आज दिनांक 10-07-2024 को सरपंच संघ राजस्थान के निर्णय अनुसार राज्य स्तरीय ज्ञापन आज मुख्यमंत्री, पंचायतीराज मंत्री एवं मुख्य सचिव अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रा.वि. एवं पंचायतीराज अतिरिक्त मुख्य सचिव वित विभाग सहित सभी अधिकारियों को ज्ञापन के माध्यम से अवगत करवाया जा रहा है।
1.राज्य वित्त आयोग 2022-23 का बकाया भुगतान करीबन 600 करोड़ रू. एवं वित्तीय वर्ष 2023-24 का करीबन 4142 करोड़ रू. बकाया एवं चालु वित्तिय वर्ष 2024-25 की बकाया किरत लगभग 2000 करोड़ रूपये बकाया है इस प्रकार कुल 6742 करोड़ रूपये अनुदान राशि बकाया है। जिन्हें जल्द जारी किया जावें।
2.केन्द्रीय वित्त आयोग की 2023-24 की द्वितीय किस्त की राशि करीबन 872.86 करोड़ रू. एवं चालु वित्तिय वर्ष 2024-25 की प्रथम किस्त लगभग 2000 करोड़ रूपये इस प्रकार कुल 2872.86 करोड़ रूपये अनुदान राशि बकाया है जिसे जल्द जारी किया जाये।
3.(1) मनरेगा सामग्री बकाया भुगतान वित्तीय वर्ष 2022-23 एवं वित्तीय वर्ष 2023-24 का करीबन 7000 करोड़ रूपये का बकाया भुगतान सम्पूर्ण जिलों में जारी किया जायें।

(ii) मनरेगा में पक्के कामों पर लगने वाले मेट कारीगर का भुगतान लैबर पेमेन्ट के साथ ही करवाया जायें जिससे मैटेरियल पैमेन्ट के दिल फिड करने में आ रही समस्या का समाधान हो सकें।

(ii) नरेगा में लगने वाले मेट एवं कारीगर की मजदूरी 500 एवं 700 बाजार दर के बराबर दी जाये।

(iv) मनरेगा योजनान्तर्गत ऑनलाईन हाजरी National Mobile Monitoring System (NMMS) माध्यम से श्रमिकों के नियोजन एवं उपस्थिती दर्ज करने में आ रही समस्याओं के समाधान के संबंध में ऑफलाईन उपस्थिती अनुभत की जावे एवं 20 कार्यों से अधिक कार्य स्वीकृति पर पाबंदी हटाकर पूर्ववत किया जाने का श्रम करें।

(V) मनरेगा योजना में ग्राम पंचायतों द्वास किये गये कार्यों में जांच के नाम पर लेबर पेमेन्ट की भी वसूली सरपंच ग्राम सेवको से निकाली जा रही है जबकि लेबर का भुगतान सीधे मजदूरों के खाते में ट्रांसफर किया जाता है। इनकी वसूली तुरन्त प्रभाव से रुकाया जावें।
4.जल जीवन मिशन योजना का सम्पूर्ण संचालन संधारण पीएचईडी विभाग को दिया जावें। पेय जल से संबंधित सभी योजनाओं के विद्युत कनेक्शनो को व्यावसायिक से हटाकर कृषि श्रेणी में किया जावें।
5.15 वें वित्त आयोग एवं 6 वें राज्य वित्त आयोग के दिशा निर्देश जारी करते समय उनमें ग्राम पंचायत को प्रदत्त अनुदान के समायोजन के लिए पंचायत समितियों को अधिकृत कर दिया गया। यह प्रक्रिया कार्यकारी संस्थाओं (ग्राम पंचायतों) के शोषण का माध्यम बनी हुई है। इस प्रक्रिया में ग्राम पंचायत के कार्मिकों एवं जनप्रतिनिधियों को बहुत अधिक मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है। ग्राम पंचायतों को समायोजन जटिलताओं से मुक्ति प्रदान करायें।
6.. लम्बित प्रधानमंत्री आवास प्लस व मुख्यमंत्री आवास की प्रतिक्षा सूची की स्वीकृति शीघ्र निकाली जावें तथा इस पर मिलने वाली अनुदान राशि बढ़ाई जायें तथा चंचित पात्र परिवारों को जोड़ने के लिये पोर्टल खोला जावें।

7. खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत जनसंख्या के 2011 के आकड़ों के आधार पर केन्द्र सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा आकडे निर्धारित किये जाते हैं, जो कि वर्तमान जनसंख्या के आधार पर रेशो बढ़ाकर तय किया जाना चाहिये ताकि शेष रहे पात्र परिवारों को योजना से जोडा जा सकें। खाद्य सुरक्षा पोर्टल चालू किया जावें।

8. पंचायती राज में रिक्त पड़े कनिष्ठ अभियंता के पदों पर शीघ्र से शीघ्र भर्ती कराने का श्रम करें।

9. पूर्व में सरपंच के चुनाव दो चरणों में हुये थे प्रथम चरण में हुये चुनावों की ग्रामपंचायतों का कार्यकाल बढ़ाते हुए पचायतीराज के चुनाव एक साथ करायें जायें।

10. बीएसआर दर का निर्धारण बाजार दर से निर्धारण किया जायें। हाल ही में हो रही बीएसआर दर कई जिलो में पूर्व की अपेक्षा 30 प्रतिशत तक कम करके निर्धारण किया जा रहा है जो गलत है इसका पुनः निर्धारण किया जायें।

11. सरपंचों का सानदेय बढ़ाकर 20,000/- किया जायें तथा सरपंच पद का कार्यकाल पूर्ण होने पर अंतिम मानदेय की 50 प्रतिशत राशि पेंशन के रूप में भुगतान करने का प्रावधान किया जाए साथ ही ग्राम पंचायतों के वार्ड पंचों का बैठक भत्ता 500/-रूपये प्रति बैठक किया जावें।

12. राष्ट्रीय राजमार्ग एवं राज्यभागों के हाईवेज पर सरपंचों को टोल-फ्री धारा जारी करवायें जावें।

13. राज्य में पंचायत राज कल्याण कोष या बोर्ड की स्थापना की जायें।

14. सरपंचों के अधिकारों में कटौती के लिये पंचायत समिति सदस्यों एवं जिला परिषद सदस्यों द्वारा सरकार पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है जो पंचायती राज एक्ट के विरूद्ध मांगे उठाई जा रही है। अतः सरपंच संघ अपने अधिकारों पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं करेगा। सरकार से आग्रह है कि सरपंचों के अधिकारों में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जायें।

15. ग्राम पंचायतों में हो रहे अतिक्रमण एवं अन्य सरकारी कार्यों के लिए ग्राम पचांयतों को पुलिस इंदाद के लिए उपखण्ड अधिकारी एवं तहसीलदार स्तर पर जाना पड़ता है जो लम्बीप्रक्रिया है, ग्राम पंचायतो को तुरन्त प्रभाव से कार्य करने एवं अतिक्रमण अन्य सरकारी कार्य हेतु पुलिस इंदाद तुरन्त उपब्लध कराई जावें

दिनांक 12.07.2024 को जिला कलक्टर एवं सांसद को मुख्यमंत्री एवं मंत्री के नाम से ज्ञापन।

उक्त लिखित मांग पत्र में लिखित मांगो को सरकार समय रहते समाधान नही करती है तो सरंपच संघ राजस्थान को मजबूरन आन्दोलन कर दिनांक 18.07.2024 को विधानसभा घेराव करेंगे, जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन एवं प्रशासन की होगी

इस दौरान भीम सिंह डामोर सरपंच जिला संगठन मंत्री प्रतापगढ़ ,सरपंच संघ अध्यक्ष देवी प्रसाद ,कालुराम ,रणधीर , देवीलाल मोरवानिया एवं समस्त सरपंच पीपलखुट जिला प्रतापगढ़ उपस्थित रहे।