Voice of Pratapgarh News ✍️ महेश कुमार गुप्ता
दौसा। लालसोट में रविवार को गुरु पूर्णिमा का पर्व बड़े श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया । इस दिन मठों व आश्रमों पर गुरु भक्तों द्वारा गुरु पूजन किया गया। गुरु ने नए शिष्यो के कान में ज्ञान का मंत्र फुका। आश्रमों में गुरुओ का वंदन हुआ, शिष्यों का मेला उमड़ा । साधकों द्वारा गुरु पूजा कर श्रीफल भेंट कर आशीष लेने का सिलसिला दिनभर चलता रहा,शिष्य ने भी चरण वन्दना कर गुरु दक्षिणा दी।
चांदसेन स्थित कपिल आश्रम पर भी गुरु भक्तों का मेला उमड़ा। पंडित नरसी शर्मा ने कहा कि बताया कि हिंदू धर्म में आषाढ़ मास को बेहद खास माना गया है। इस महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु पूजन का महत्व शास्त्रों में बताया गया है। इस साल गुरु पूर्णिमा पर ग्रहों के विशेष संयोग के कारण इस दिन का महत्व बढ़ रहा है।
गुरु और शिष्य का रिश्ता बेहद खास होता है. जीवन में किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गुरु ही उस तक पहुंचने का मार्ग
बताता है. इसलिए विद्यार्थी के जीवन में गुरु का बहुत महत्व
होता है. हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु
पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन महाभारत के रचयिता वेद व्यास का जन्म हुआ था. यह दिन पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों और पढ़ाई पूरी कर चुके लोगों को अपने गुरु के प्रति आदर और श्रद्धा व्यक्त करने का अवसर देता है।
