Voice of Pratapgarh News ✍️ पंडित मुकेश कुमार
मुनि श्री सुधींद्र सागर महाराज क्षुलक श्री अकम्प सागर महाराज ने नचिकेता किड्स स्कूल में प्रवचन किया
डूंगरपुर। चतुर्थ पट्टाधीश आचार्य श्री सुनील सागर महाराज के शिष्य मुनि सुधींद्र सागर महाराज क्षुल्लक अकम्प सागर महाराज का गेंजी में चातुर्मास चलते प्रातः 7 बजे जिनेन्द्र देव का अभिषेक शांतिधारा हुई शांतिधारा का लाभ गेंजी सुरेश चंद्र भाग्यचंद परिवार।
इस अवसर पर समाज के वरिष्ठ अनिल जैन ने बताया कि मुनि श्री ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा रक्षा बंधन पर्व इसलिए मनाया जाता है हस्तीनापुर के राजा के पास मुनि द्रोही चार व्यक्ति मंत्री के रूप में रहे और कुछ दिनों में राज काज में बड़ा सराहिनिया कार्य किया। जिससे राजा ने कहा वरदान इनाम मांगो चारो मंत्री ने कहा जब आवश्यकता होगी तब मांग लेंगे कुछ समय बाद 700 मुनियों का संघ हस्तिना पुर पहुंचा और मंत्रियों ने मुनि संघ आया जान कर उनके मन में आया कुछ वर्षो पहले यह संघ उज्जेनी नगरी में मिला इसमें एक साधु ने मुझ से वाद विवाद में हराया और ऊपर से वहा के राजा ने मुझे दंडित किया सुनो साथियों आज मौका है हस्तीनापुर के राजा से वरदान बाकी है क्यों नही उस वरदान के पेटे 7 दिन के लिए राज्य मांग ले फिर इन मुनियों से बदला ले 7 दिन के लिए राज्य मांगा और राजा भी वचन बद्ध थे देना पड़ा नया राजा क्रूर और अनेतिक अहंकारी हिंसक शाशक की वजह 700 मुनियों के वस्तिका में आग लगा कर मांस का यज्ञ किया जिससे मुनियों को धूंए से घबराहट होने लगी प्राण जाने की स्थिति में हो गए मुनियों का जीवन संकट में पड़ गया।
मुनिसंघ की रक्षा के लिए विक्रिया रिद्धि धारी मुनि श्री विष्णु कुमार ने रक्षा की श्री विष्णु मुनि बटुक ब्राह्मण रूप धारण कर के नए कपटी राजा के पास गए और कहा मैं ब्राह्मण हू मुझे तीन पावंडा भूमि चाहिए राजा ने कहा अधिक मांगो ब्राह्मण ने कहा नही बस इतनी ही राजा ने कहा नाप लो तीन पग ब्राह्मण देव ने एक पैर यहां दूसरा पैर मानुषोत्तर पर्वत पर और ब्राह्मण बोला वचन भंगी तीसरा पैर कहा धरू तेरे सीने में दो पैर में ही पूरा ब्रह्मांड नाप लिया अन्याई राजा ने अपनी हार स्वीकार की ओर धोखे से लिया गया राज्य वास्तिविक राजा को दे दिया और मुनिसंघ की रक्षा हुई और इस दिन अवस्वस्थ 700 मुनियों को खीर का आहार दिया और उनके स्वास्थ को सुधारा इस प्रकार 700 मुनियों की रक्षा हुई इसलिए उस समय से रक्षा के लिए रक्षा बंधन पर्व मनाया जाता है जो पर्व गुरु की रक्षा के लिए गुरु और भक्त के बीच में मनाया जाता था वही आज रक्षा बंधन भाई बहनों के बीच में आ गया है।
