महिला किसानों द्वारा स्वराज आधारित सर्वोत्तम अभ्यासों पर स्वराज संवाद

 

Voice of Pratapgarh News ✍️ विरेन्द्र टेलर 

प्रतापगढ़। भारत में आदिवासी महिला किसान न केवल अपने परिवारों की आजीविका का समर्थन करती हैं, बल्कि वे कृषि और पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आदिवासी किसान महिलाएँ पारंपरिक फसलें उगाने में माहिर होती हैं, स्थानीय जलवायु और मिट्टी के अनुसार फसलों का चयन करती हैं, जो कृषि की स्थिरता में मदद करता है। आदिवासी महिला किसान अपने पूर्वजों से मिली पारंपरिक कृषि तकनीकों, बीजों के संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में निपुण होती हैं। इनका ज्ञान, जैव विविधता और पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। आदिवासी महिला किसान न केवल कृषि कार्य करती हैं, बल्कि वे स्थानीय बाजारों में अपने उत्पादों को बेचकर परिवार की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत करती हैं।
ये विचार राष्ट्रीय महिला किसान दिवस पर “स्वराज संवाद” कार्यकर्म के दौरान वाग्धारा संस्था से आसिया परवीन ने रखे |
कार्यक्रम का आयोजन वाग्धारा संस्था दिनांक 15.10.2024 को कृषि एवं आदिवासी स्वराज मंच द्वारा राष्ट्रीय महिला किसान दिवस पर पीपलखूंट ब्लॉक के टामटिया में स्वराज सवांद कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इस दौरान आदिवासी क्षेत्र में महिला किसानों द्वारा स्वराज आधारित सर्वोत्तम अभ्यासों को साझा किया, जलवायु परिवर्तन के दृष्टिकोण से टिकाऊ कृषि तकनीकों, जैविक खेती, जल संरक्षण, उन्नत बीज, मृदा स्वास्थ्य, सौर ऊर्जा और उद्यमशीलता पर संवाद करने के साथ ही महिला किसानों पर जलवायु परिवर्तन से पड़ने वाले प्रभावों में बदलते मौसम, सूखा, अतिवृष्टि, तापमान वृद्धि जैसी समस्याएं एवं स्थानीय समाधानों पर संवाद किया गया,
स्वराज संवाद कार्यक्रम में उपस्थित महिला किसान सीता देवी ने जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और महिला किसानों की भूमिका, स्थानीय समाधान और एक- दुसरे से अनुभव साझा किये,
इस दौरान उपस्थित महिला किसानों द्वारा जलवायु परिवर्तन से पड़ने वाले प्रभाव और स्थानीय स्तर पर अपनाए गए समाधानों को साझा किया गया, जिनमे जल संचयन के उपाय (वर्षा जल संचयन, तालाब निर्माण), सूखा सहिष्णु फसलें उगाना, सामुदायिक सहयोग और ज्ञान साझा करने के साथ ही अपेक्षित परिणामों पर सवांद करते हुए उच्च स्तर पर आग्रह पत्र के लिए कार्य योजना तैयार की गयी ताकि महिला किसानो को एक पहचान मिल सके | स्वराज संवाद कार्यक्रम के दौरान 45 महिला किसान उपस्थित रही । यह जानकारी संगठन लीड बाबूलाल चौधरी ने दी।