महात्मा भारतीय दलित साहित्य अकादमी ने ज्योतिबा फूले को किया नमन

 

सामाजिक सुधारो के जनक थे फूले दम्पति

अंधकार मिटा कर प्रकाश फेलाने के अग्रदूत थे फूले दम्पति

Voice of Pratapgarh News ✍️ रिपोर्टर पंडित मुकेश कुमार 

जोधपुर। महान समाज सुधारक शिक्षा के अग्रदूत ,गुलामगिरी के रचयिता कांति सुर्य, सामाजिक सुधारों के प्रणेता महात्मा ज्योति बा फूले की 134 वीं पुण्य तिथि पर, भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा उन्हे नमन करते हूऐ महान समाज सुधारक बताया।

इस दौरान गंगरार से समाज सुधारक के के विलवाल ने बताया कि महात्मा फूले को सच्ची श्रध्दांजलि तभी होगी जब हम बाल विवाह, मृतयुभोज तथा अशिक्षा के अंधकार को मिटाने के लिऐ आगे आयें। राजसमंद से सामाजिक पदाधिकारी तुलसीराम सालवी ने बताया कि उनहोने शुद्र ओर अति शुद बालिकाओ को पढाने के लिऐ विधालय खोलकर अंधकार को दूर किया। अम्बेडकर वादी जन क्रान्ति मंच राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष राम चन्द इडीवाल ने बताया की उनकी लिखी गुलाम गिरी पुस्तक को हम पढकर जागरूक होने की जरूरत है। जोधपुर से सामाजिक कार्यकरता व एन जीओ पदाधिकारी
सुमन एम्पा ने बताया कि उन्होने अपना पुरा जीवन हमारे लिऐ अपमान सहकर भी कुर्बान कर दिया, तथा शिशु हत्या निवारण के लिऐ प्रसूति गरहों की सथापना की।
भारतीय दलित साहित्य अकादमी के जिला प्रवक्ता पार्वती सालवी ने बताया कि महात्मा फूले ने महिला शिक्षा तथा सामाजिक विकाश के जो काम किये , सामाजिक अपमान सह कर,ऐसे महान दंपति संसार मे और नही है।
अकादमी जिलाध्यक्ष मदन साल्वी ओजस्वी ने बताया कि उन्होने शुद्रों ,अति शुद्रों को शिक्षित करने के कारण ,उन्हे पत्नि सहित घर से बाहर निकाल दिया गया था, आज हम जो कुछ भी है महात्मा ज्योत बा फूले की बदोलत है।
अनकों समाज सुधारकर गणमान्य जन ने प्रदेश भर मे महान समाज सुधारकर महात्मा फूले को महान सुधारक बताते हूऐ
उन्हे नमन कया।