वक्फ संशोधन बिल 2025 के खिलाफ हिन्दुस्तान की सूफी आवाज सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची

वक्फ संशोधन बिल 2025 के खिलाफ हिन्दुस्तान की सूफी आवाज सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची

Voice of Pratapgarh News ✍️ संवाददाता पंडित मुकेश कुमार 
चित्तौड़गढ़। बस्सी मंगलवार को बज्म बरकात आले मुस्तफा बस्सी चित्तौड़गढ़ यूनिट के प्रवक्त फिदाउल मुस्तफा बरकाती ने प्रेस को जारी बयान में बताया की वक्फ संशोधन अधिनियम 2025, देशभर की दरगाहो, मुस्जिदों, मदरसों और खानकाहो की धार्मिक अध्यात्मिक और संस्थागत आजादी पर सीधा हमला है। उन्होंन कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि इस संघर्ष की बागडोर एक दरगाह के सूफी सज्जादानशीन ने अपने हाथों में ली है। बज्म बरकात आले मुस्तफा कमेटी के राष्ट्रीय संरक्षक व मजलिस ए शरई ट्रस्ट मुंबई के अध्यक्ष व दरगाह खानकाहे बरकातिया बड़ी सरकार मारहरा शरीफ उत्तर प्रदेश दरगाह के सज्जादा नशीन सैय्यद सिब्तैन हैदर जैदी ने सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया में इस संशोधन वक्फ कानून के खिलाफ अपील दाखिल कर एक ऐतिहासिक पहल कि है।
फिदाउल मुस्तफा बरकाती ने ये भी कहा है कि यह सिर्फ एक कानूनी कार्यवाही नहीं बल्कि रूहानी जमाअतो कि तरफ से एक दस्तूरी दस्तक है। सैय्यद सिब्तैन हैदर जैदी कि ये यह लड़ाई किसी सियासी एजेंडे का हिस्सा नहीं बल्कि अल्लाह कि वक्फ अमानत की हिफाजत के लिये है। उन्होंने देश भर की खानकाही मकतबी और मस्जिदी तबको से अपील की कि वह इस आवाज को आवाज दे और मिलकर यह सुनिश्चित करे कि वक्फ कि पवित्रता और दीन की अमानत पर कोई समझौता ना होने पाए।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका देश कि दरगाहो मदरसों और मस्जिदों कि तरफ से है। यह पहली बार है कि किसी दरगाह के सज्जादा नशीन ने अदालत में दस्तक दी है।
फिदाउल मुस्तफा बरकाती ने ये साफ किया कि ये आंदोलन राजनीतक नही बल्कि रूहानी जिम्मेदारी का हिस्सा है। मजलिस ए शरई ट्रस्ट और खानकाह ए बरकातिया इस संघर्ष के मोर्चे पर है।

खबरों एवं विज्ञापन समाचार देने के लिए 8829942088 पर व्हाट्सएप करें