साध्वी सरस्वती की आपातकालीन चेतावनी: हिंदू समाज पर अचानक प्रारब्धिक हमला हो सकता है

 

साध्वी सरस्वती ने चेताया: आतंकवाद को मात देने के लिए हिंदू समाज को आत्मरक्षा अपनानी होगी

Voice of Pratapgarh News ✍️रिपोर्ट. रविंद्र आर्य

अपीलीय परिचय मध्यप्रदेश स्थित विश्व हिंदू परिषद से जुड़ी साध्वी सरस्वती दीदी, जिन्हें ‘हिंदू शेरनी’ के नाम से भी जाना जाता है, ने हाल ही में एक विडियो संदेश जारी कर पूरे हिंदू समाज को सतर्क रहने की कड़ी चेतावनी दी है। इस संदेश में उन्होंने स्पष्ट किया कि मौजूदा समय में साम्प्रदायिक तनाव और कट्टरपंथी मानसिकता का खतरा बढ़ता जा रहा है, इसलिए अपनी रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देना अनिवार्य हो गया है।

22 वर्षों की सेवा एवं जागरूकता साध्वी सरस्वती पिछले 22 वर्षों से देश भर में भ्रमण कर हिंदू संस्कृति, परंपराओं और आत्मरक्षा की महत्ता पर प्रकाश डाल रही हैं। उन्होंने कहा कि भाईचारे के महत्त्वपूर्ण मूल्यों के नाम पर हम वर्षों से एक दूसरे के घरों में सेवियाँ ग्रहण करते रहे, लेकिन अब समय आ गया है कि इन पारस्परिक रिश्तों की आड़ में छिपे संभावित खतरों से भी सचेत रहें। बाहरी खतरों का डर साध्वी सरस्वती ने विशेष तौर पर भारत के पड़ोसी देशों—पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान—से उभरती कट्टरपंथी ताकतों की ओर इशारा किया। उनका कहना है कि इन राष्ट्रों से कहीं से भी अचानक “प्रारब्धिक हमला” हो सकता है, जैसा कि अतीत में भी कई बार देखा गया है। उन्होंने आशंका जताई कि यदि पाकिस्तानी चरमपंथी 28 निर्दोष हिंदुओं की हत्या करते हैं, तो हमारी सरकार और सेना बदले में 100 आतंकियों को बेनकाब कर मार गिराएगी।

मोदी सरकार व भारतीय सेना पर भरोसा अपनी बात को और पुख़्ता करते हुए साध्वी सरस्वती ने कहा कि वर्तमान मोदी सरकार और भारतीय सेना की सतर्कता तथा क्षमता पर उन्हें पूरा विश्वास है। उनका मानना है कि देश की सर्वोच्च नेतृत्व और रक्षा बल कभी भी नागरिकों की सुरक्षा से समझौता नहीं करेंगे, बल्कि आतंकवादियों को निर्मूल कर देने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

आत्मरक्षा के उपाय साध्वी सरस्वती ने हिंदू समाज से अपील की है कि वे नाम-पहचान के चक्कर में सामान न खरीदें, बल्कि हर खरीदारी—चाहे वह राशन हो या व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण—में सतर्कता बरतें। साथ ही, उन्होंने सुझाव दिया कि आत्मरक्षा के लिए वैध लाइसेंस पर हथियार रखना और आत्मरक्षा प्रशिक्षण लेना भी विवेकपूर्ण कदम होगा।कश्मीर यात्रा से परहेज एवं सावधानी: उन्होंने कश्मीर या संवेदनशील इलाक़ों की यात्रा फिलहाल स्थगित करने की सलाह दी है, ताकि अनियंत्रित परिस्थितियों में भारी जोखिम से बचा जा सके। साध्वी सरस्वती का संदेश है कि जब तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रित नहीं होती, हिंदू समाज को घर-परिवार और समुदाय की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अंतिम आह्वान: साध्वी सरस्वती का यह विस्तारित संदेश देशभर के हिंदुओं के लिए एक अल्टीमेटम जैसा है: “अब उसने जगने का समय आ गया है।” उन्होंने जोर दिया कि सामूहिक सुरक्षा और आत्मरक्षा आन्दोलन केवल एक वैकल्पिक रास्ता नहीं, बल्कि वर्तमान परिस्थिति की मांग है।

Not: लेखक रविंद्र आर्य द्वारा संचालित यह रिपोर्ट लोकतांत्रिक विमर्श के अंतर्गत प्रस्तुत की गई है।

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