पुलिस की केस ऑफिसर स्किम का प्रभाव
न्यायालय का फैसला: आरोपी 07 साल कठोर कारावास की सजा व 40 हजार के आर्थिक दंड से दंडित।
पोक्सो कोर्ट 01 ने जारी किए आदेश।
Voice of Pratapgarh News ✍️ संवाददाता पंडित मुकेश कुमार
चित्तौड़गढ़। चन्देरिया थाना क्षेत्र में चार वर्षीय बालिका के साथ छेड़छाड़ व दुष्कर्म के प्रयास के मामले में पोक्सो कोर्ट ने आरोपी को अधिकतम 07 वर्ष के कठोर कारावास की सजा से दंडित किया है। वहीं आरोपी पर 40 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। चार्जशीट पेश करने के पश्चात केस ऑफिसर स्किम में चयनित प्रकरण में एक माह 08 दिन में आरोपी को सजा दिलवाई गई।
पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि 18 फरवरी.2025 को कस्बा चन्देरिया मे नाबालिग 4 वर्षीय बालिका के साथ युवक द्वारा छेडछाड व दुष्कर्म का प्रयास करने की घटना को लेकर पीड़ित पक्ष द्वारा थाना चन्देरिया पर रिपोर्ट पेश करने पर दिनांक 19 फरवरी 2025 को प्रकरण पंजिबद्ध किया जाकर त्वरित कार्यवाही कर चन्देरिया थाना पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए वांछित आरोपी हाउसिंग बॉर्ड कॉलोनी चन्देरिया निवासी 38 वर्षीय सलीम कुरैशी पुत्र मोहम्मद शफी कुरैशी को गिरफतार किया गया। जांच अधिकारी थानाधिकारी चन्देरिया सुनिता गुर्जर पुलिस निरीक्षक ने घटना के 28 दिवस में ही मामले में न्यायालय में चार्जशीट पेश की। जांच अधिकारी ने 17.03.2025 को पेश की गई चार्जशीट में आरोपी को नाबालिग बालिका के साथ छेड़छाड़ व दुष्कर्म का प्रयास करने के आरोप में दोषी करार दिया था। मामले की गंभीरता के मद्देनजर प्रकरण को केस ऑफिसर स्किम में चयनित कर एएसआई सुरेंद्र सिंह को केस ऑफिसर नियुक्त किया गया। केस ऑफिसर एएसआई सुरेंद्र सिंह व कोर्ट एलसी कानि.अशोक कुमार ने गवाहों के न्यायालय में शीघ्र बयान करवाये।
प्रकरण में विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में 15 गवाहो के बयान करवाये और 27 दस्तावेज पेश किए।
दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी हाउसिंग बॉर्ड कॉलोनी चन्देरिया निवासी 38 वर्षीय सलीम कुरैशी पुत्र मोहम्मद शफी कुरैशी को दोषी पाया गया। आरोपी को दोषी पाए जाने पर पोक्सो कोर्ट ने अलग-अलग धाराओं में सजा सुनाई। जिसमें धारा 137(2) बीएनएस में 3 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5000 अर्थदंड, धारा 127(2) बीएनएस में 01 वर्ष का कठोर कारावास 5 हजार, धारा 75(2) बीएनएस में 3 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5000 अर्थदंड, धारा 9(एम)/10 पोक्सो एक्ट में 7 वर्ष का कारावास एवं 20 हजार एवं धारा 11/12 पोक्सो एक्ट में 3 वर्ष का कठोर कारावास एवं 5 हजार रुपए अर्थदंड सुनाया। इस प्रकार आरोपी को अधिकतम 07 वर्ष का कठोर कारावास एवं 20 हजार रुपए आर्थिक दंड सुनाया।
पुलिस द्वारा केस ऑफिसर स्किम में लिए गए उक्त प्रकरण में न्यायालय में पैरवी के दौरान 15 गवाहों के बयान करवा कर आरोपी को सजा दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही।
