प्रतापगढ़। जिले में यूरिया उर्वरक की आपूर्ति और वितरण की सतत् निगरानी कृषि विभाग द्वारा की जा रही है। इसी क्रम में 26 नवंबर को ग्राम पंचायत भचुंडला में अवैध उर्वरक परिवहन करते हुए एक वाहन को प्रशासन के सहयोग से जब्त किया गया। वाहन में 49 बोरी यूरिया, 20 बोरी डीएपी तथा 10 बोरी पोटाश पाई गईं। उक्त उर्वरक एवं वाहन को संबंधित थाना तथा लेम्प्स सहकारी समिति के सुपुर्द किया गया। कार्रवाई सहायक निदेशक कृषि पर्वतदान चारण एवं कृषि अधिकारी (उद्यान) सुरेशभाई मीणा द्वारा की गई। प्रकरण में आगे की कार्रवाई एफसीओ-1985 के तहत की जा रही है।
इसी प्रकार 24 नवंबर को उर्वरक वितरण में अनियमितता पाए जाने पर दो व्यापारियों के लाइसेंस निलंबित किए गए। तदनुसार शुक्रवार 28 नवंबर को एक अन्य व्यापारी द्वारा रात्रि समय विभागीय कर्मचारी की अनुपस्थिति में अनियमित रूप से यूरिया वितरण किया गया, जिसके कारण उसका लाइसेंस भी निलंबित किया गया।
संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) बंशीधर मीणा ने बताया कि विभाग द्वारा जिले में उर्वरक वितरण की निरंतर निगरानी की जा रही है तथा अनियमितता पाए जाने पर आगे भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि यूरिया वितरण केवल विभागीय कर्मचारी/कृषि पर्यवेक्षक/सहायक कृषि अधिकारी की उपस्थिति में ही सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। संपूर्ण प्रक्रिया जिला कलक्टर एवं अतिरिक्त निदेशक कृषि (विस्तार), उदयपुर के दिशा-निर्देशों में संचालित की जा रही है।
उन्होंने बताया कि रबी फसल हेतु अक्टूबर माह में 9767.01 एमटी (2,14,877 बोरी) तथा नवंबर माह में अब तक 8756.07 एमटी (1,92,633 बोरी) यूरिया का वितरण करवाया जा चुका है। इस प्रकार रबी सीजन के लिए कुल 18,523.22 एमटी (4,07,510 बोरी) यूरिया निजी एवं सहकारी संस्थाओं के माध्यम से उपलब्ध करवाया गया है। आगामी दिसंबर माह में मांग के अनुसार 20,000 एमटी (4,40,000 बोरी) यूरिया की आपूर्ति के लिए कृषि आयुक्तालय से निरंतर संपर्क किया जा रहा है। साथ ही अगले सात दिनों में चंदेरिया रेक प्वाइंट से 500 एमटी यूरिया सहकारी समितियों में उपलब्ध करवाने के निर्देश जारी किए गए हैं। निजी उर्वरक विक्रेताओं के पास भी प्रत्येक सप्ताह 3000–4000 एमटी यूरिया उपलब्ध करवाने के प्रयास जारी हैं।
उन्होंने किसानों से की है कि वे आवश्यकता अनुसार ही उर्वरक क्रय करें, फर्म से बिल अवश्य प्राप्त करें, अनावश्यक भंडारण से बचें तथा मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सिफारिश के अनुसार ही उर्वरक का उपयोग करें।




