प्रतापगढ़ पुलिस की बड़ी कार्यवाही
आईसीआईसीआई बैंक मैनेजर द्वारा बैंक खातों से किये गये करोड़ों रूपये के गबन का खुलासा, 62 बैंक खातों को फ्रीज कर 62 लाख 71 हजार 490 रूपये की राशि करवाई गई होल्ड एवं 46 लाख रूपये नकद बरामद, निजी बैंकों द्वारा अपनी साख की बढ़ोतरी के लिये अधीनस्थ कर्मचारियों को दिये जा रहे टारगेट बने गबन के कारण
प्रतापगढ़। जिला पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देशन में भागचंद्र मीणा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ एवं धनफुल मीणा वृताधिकारी वृत धरियावद के मार्गदर्शन में पेशावर खान थानाधिकारी थाना धरियावद और जिला स्तर पर गठित एसआईटी टीम द्वारा धरियावद में आईसीआईसीआई बैंक में हुए लगभग 2 करोड़ 50 लाख रूपये के बैंक घोटाले का पर्दाफाश कर बैंक मैनेजर सहित उदयपुर के हिस्ट्रीशीटर रहे आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
घटना दिनांक 06.02.2024 को प्रार्थी मनोज बेहरानी रीजनल हैड आईसीआईसीआई बैंक ने उपस्थित थाना हो टाईपशुदा रिपोर्ट पेश की कि में रीजनल हैड आईसीआईसीआई बैंक बांसवाडा पर कार्यरत हुँ में इस पत्र के द्वारा आपको सुचित करना चाहता हूँ कि आज सुबह हमारी बैंक शाखा धरियावद के कुछ खाते धारको ने शाखा में आकर अपनी FIXED DEPOSIT के बारे में
पुछताछ की जिसको चेक करने पर पता चला कि उन FIXED DEPOSIT में कोई भी बैलेन्स नही है उन FIXED DEPOSIT के against गलत तरीके से एवं ग्राहको कि बिना जानकारी के OD बना कर उन OD ACCOUNTS में धोखाधडी करके गलत तरीके से राशि निकाल दी गई है उन OD ACCOUNT में ग्राहको के मोबाईल नम्बर भी गलत अपडेट कर दिये गए है। इस सम्पुर्ण मामले मे गबन राशि 20000000 / अक्षरे दो करोड रू है आगे की जाँच में राशि बढोतरी की संभावना है। सभी ग्राहको नें भी अपनी शिकायत शाखा धरियावद में दर्ज करवाई है। वो भी इस पत्र के साथ संलग्न है ऐसा प्रतित होता है कि यह पूर्ण मामला ग्राहको के साथ धोखाधडी का है। इस पूर्ण मामले की निष्पक्ष जाँच करवाई जायें एवं दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही की जावें। रिपोर्ट पर थाना धरियावद पर प्रकरण संख्या 23/2024 धारा 420.409.120बी भा.द.स. मे दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया गया।
पुलिस टीम द्वारा कार्यवाही:
मामले की गम्भीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ अमित कुमार द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भागचन्द मीणा के निर्देशन मे एसआईटी का गठन किया गया। गठित एसआईटी में साईबर थाने से प्रताप सिंह एवं साईबर सैल से रमेश चन्द्र मय साईबर टीम द्वारा आरोपी बैंक मैनेजर से गहन अनुसंधान किया गया। बैंक मैनेजर द्वारा आईसीआईसीआई बैंक के विभिन्न खातों से अनाधिकृत तरीके से राशि की हेराफेरी कर गबन किये गये खातो व उनके धारको की जानकारी प्राप्त ऐसे खातों का स्टेटमेन्ट प्राप्त कर विश्लेषण किया गया तो पाया कि विभिन्न खाता धारक द्वारा बैंक में जो एफडी (FD) और केसीसी (KCC) करवाई जाती हैं। उन एफडी (FD) और केसीसी (KCC) खातो पर आरोपी बैंक मेनेजर प्रशांत काबरा द्वारा ओवर ड्राफ्ट (OD) लिमिट बनाकर OD राशि को स्वंय की पत्नी दीपिका काबरा व अपने मिलने वाले
आवर ड्राफ्ट (OD) लिमिट बनाकर OD राशि का स्वय का पत्नि दापिका काबरा व अपने मिलने वाले जालम चन्द जैन व उसकी पत्नी मन्जुला जैन, पुत्र राकेश जैन व उसकी फर्म पूजा कन्सट्रशन के खातो में जमा कर गबन किया गया। आरोपी बैंक मेनेजर से उक्त राशि के गबन के बारे में पूछा गया तो उसने अपनी पुछताछ में बताया कि मुझे रूपयों की जरूरत पड़ने पर मैने जालम चन्द जैन की एफडी खाते से ओडी बनाकर कुछ रूपये निकाले थे जिसकी जानकारी जालम चन्द जैन को होने पर जालम चन्द मुझे लगातार ब्लेकमेल करने लगा और उसने मुझसे डरा धमका कर कुल 46 लाख 400 रूपये नकद व लगभग 2 करोड़ रूपये उसके बताये हुवे खातो मे ट्रांसफर करवा लिये। प्रथम दृष्ट्या अपराध प्रमाणित पाये जाने पर बैंक मैनेजर प्रशांत काबरा को दिनांक 06.02.2024 को गिरफतार कर दिनांक 11.02.2024 तक का पीसी रिमाण्ड प्राप्त किया गया साथ ही सह अभियुक्त जालम चन्द जैन को दिनांक 07.02.2024 को गिरफतार कर न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमाण्ड पर लिया गया है। बैंक मैनेजर प्रशांत काबरा द्वारा गबन की राशि को जिन खातो में जमा करवाई गई थी उनमें से कुल 62 बैंक खातो को फ्रीज करवाते हुए 62 लाख 71 हजार 490 राशि को होल्ड कराया गया साथ ही आरोपी जालम चन्द जैन को गिरफ्तार कर जालम चन्द जैन की निशादेही से कुल 46 लाख 400 रूपये नकद बरामद कर जब्त किये गये है। इस प्रकार अब तक कुल 1 करोड़ 8 लाख 71 हजार 490 रूपये की राशि को जब्त / फ्रीज करवाया जा चुका है। प्रकरण में गिरफतार अभियुक्त के द्वारा इसी ब्रांच से लिये गये 70 लाख के खातों को भी न्यायालय के अग्रिम आदेश तक फ्रीज करवाये जाने की कार्यवाही की गई है। अनुसंधान मे प्रथम दृष्ट्या संदिग्ध पाये गये आईसीआईसीआई बैंक शाखा धरियावद के सभी खातों की जांच की जा रही है जिससे गबन की राशि में और इजाफा हो सकता है।
प्रकरण का खुलासा –
ग्राहक भुपेश रोत द्वारा दिनांक 04.02.2024 को जब अपने केसीसी (KCC) खाते को चेक किया जिसमें 32 लाख रूपये थे चेक करने पर उसमें जमा राशि शुन्य दिखाई दी, जिस पर उसने बैंक में जमा राशि के बारे में बैंक मैनेजर से पुछा तो वो कोई जवाब नही दे पाया। जिस पर उसको अपनी राशि का गबन होने को पता चला। बाद में बैंक के अन्य ग्राहको ने भी अपने सेविंग खातो, केसीसी (KCC) व ओवर ड्राफ्ट (OD) खातो की जानकरी ली तो उसमें भी बैंक मैनेजर प्रशांत काबरा द्वारा इसी प्रकार राशि की हेराफेरी कर राशि गबन की गई। जिस पर रीजनल हैड आईसीआईसीआई बैंक मनोज बेहरानी ने बैंक मेनेजर प्रशांत काबरा के खिलाफ पुलिस थाना
धरियावद पर प्रकरण दर्ज कराया गया।
प्रकरण के खुलासे एंव बैंक में हुई गबन की राशि के बारे में गठित एसआईटी द्वारा आरोपी बैंक मेनेजर प्रशांत काबरा व उसकी पत्नी दीपिका काबरा तथा आरोपी जालम चन्द जैन व उसकी पत्नी मन्जुला जैन व फर्म पूजा कन्सट्रक्शन के खातों मे किये गये ट्रांजेक्शन की जांच की गई तो गबन की गई तो प्रकरण दर्ज रिपोर्ट में वर्णित एफडी खाता धारकों के खातों पर ओवर ड्राफ्ट (OD) लिमिट के खाते बनाये जाकर उसकी राशि को अलग- अलग खातों में क्रोस ट्रांसफर करते हुए जालम चन्द जैन व उसकी पत्नी मन्जुला जैन व उसकी फर्म पूजा कन्सट्रक्शन में जमा करवाया जाकर जालम चन्द जैन निवासी को फायदा पहुँचाया गया।
आईसीआईसीआई बैंक की कार्यप्रणाली मे तकनीकी कमी व दिये जाने वाले टारगेट को पूरा करना रहा गबन का मुख्य कारण
बैंक खाता धारकों के खातों से गबन हुई राशि की जांच हेतु गठित एसआईटी द्वारा संदिग्ध लेनदेन वाले बैंक खातों की जांच की गई तो यह तथ्य सामने आये कि शाखा मैनेजर प्रशांत काबरा द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट में वर्णित बैंक खाता धारकों के अलावा भी कुछ अन्य एफडी खातों पर भी ओवर ड्राफ्ट (OD) अकाउण्ट बनाये गये और बैंक मैनेजर द्वारा कई खातों में गलत मोबाईल नम्बर अपडेट किये गये। जिसके कारण जब ओवर ड्राफ्ट ((1)) अकाउण्ट खुलने व उस खाते से किये जा रहे ट्रांजेक्शन की जानकारी खाता धारक को नहीं मिल पाती थी।
बैंक कर्मियों के द्वारा एफडी खातों पर ऑवर ड्राफ्ट खाते खोलने का मुख्य कारण
बैंक के साफ्टवेयर में ऐसा कोई मजबुत मेकेनिज्म नहीं था। जब बैंक मैनेजर प्रशांत काबरा व अन्य कर्मचारियों से इस बारे में पूछताछ की गई तो उन्होने बताया कि इस मुख्य कारण बैंक द्वारा उनको प्रतिदिन दिये जाने वाले नये नये टारगेट थे। जैसे नये बचत खाते व करंट अकाउण्ट, गोल्ड लोन, एफडी अकाउण्ट खोलने के टारगेट मिलते थे। दिये जाने वाले टारगेट्स को पूरा करते हुए अपनी परफोरमेंस बढोतरी करने के लिये बैंक मैनेजर व अन्य कर्मचारियों द्वारा उनके द्वारा ग्राहकों के खोले गये एफडी अकाउण्ट, सेविंग अकाउण्ट, गोल्ड लोन अकाउण्ट आदि पर ओवर ड्राफ्ट (OD) लिमिट बनाकर ऐसे (OD) खातों से राशि उठाकर पुनः उसकी (FD) या नये अकाउण्ट खोल दिये जाते है या नकद / चैक से राशि निकाल ली जाती। बैंक द्वारा दिये जाने वाले टारगेट के संख्यात्मक आंकड़ों को पूरा करने के लिये बैंक कर्मियों द्वारा इस प्रकार के क्रोस ट्रांजेक्शन किये जा रहे थे कि उसकी जानकारी खाता धारक व मुख्य बैंक को भी नहीं हो पाती है। इसका फायदा उठाते हुए ब्रांच मैनेजर प्रशांत काबरा द्वारा एफडी खातों पर ओवर ड्राफ्ट (OD) लिमिट बनाकर उन खातों से राशि को एक खाते से दुसरे खातें मे क्रोस ट्रांसफर कर घुमाते हुए बैंक की और से दिये गये टारगेट की पूर्ति की व बैंक की तकनीकी कमी का फायदा उठाकर करीब 2 करोड़ 50 लाख रूपये की राशि का गबन किया गया। क्रोस ट्रांजेक्शन को ट्रेक करने का कोई स्पष्ट मेकेनिज्म आईसीआईसीआई बैंक के साफ्टवेयर प्रणाली में नहीं होने के कारण बैंक मैनेजर प्रशांत काबरा ने अभिलाषा जैन, नरेश लबाना, सज्जन बाई, जय प्रकाश डागरिया, आदि के (FD) खातों पर ऑवर ड्राफ्ट की लिमिट बनाकर उक्त खातों से अपने जालम चन्द जैन व अपनी पत्नी दीपिका काबरा व अन्य के खातों में रूपयों का ट्रांजेक्शन करते हुए नकद विड्रो कर लिया व पुनः ओवर ड्राफ्ट (OD) अकाउण्ट में जमा नहीं करवाया। आईसीआईसीआई बैंक के साफ्टवेयर प्रणाली में इस प्रकार के ट्रांजेक्शन व टारगेट को पूरा दिखाने के लिये बैंक कर्मियों के द्वारा किये जाने वाले कार्य को पकड़ने का मेकेनिज्म नहीं होने से आईसीआईसीआई के रीजनल मैनेजर व उनकी तकनीकी टीम भी इस गबन को पकड़ नहीं सके।
बैंक द्वारा बैंक की हर ब्रांच को प्रतिदिन दिये जाने वाले टारगेट –
जैसे 1. सेविंग अकाउन्ट खोलना, 2 करंट अकाउन्ट, 3 एफडी अकाउन्ट खोलना, 4 गोल्ड लोन, पर्सनल लोन, ओटो लोन, होम लोन, 5 लाईफ इन्श्योरेन्स, 6 हेल्थ इन्श्योरेन्स, 7 क्रेडिट कार्ड, 8 क्यु आर कोड एक्टीवेशन, 9 RBC लिमिट, 10 SIP
गठित एसआईटी टीम द्वारा अब तक किये गये अनुसंधान के दौरान गिरफतार अभियुक्त: जालमचन्द्र जैन से 46 लाख रूपये नकद बरामद किये गये है। इसके अलावा ब्रांच मैनेजर द्वारा बैंक के मेकेनिज्म का फायदा उठाते हुए जिन खातों में पैसा ट्रांसफर किये गये ऐसे करीब 62 बैंक खातों को फ्रीज करवाते हुए उन खातों जमा कुल 62 लाख 71 हजार 490 रूपये की राशि को होल्ड करवाया गया है। इसी प्रकार गिरफतार अभियुक्त जालम चन्द जैन के द्वारा ब्रांच मैनेजर प्रशांत काबरा से अलग – अलग खातों मे प्राप्त की गई राशि से उदयपुर से नाथद्वारा रोड़ पर करीब 2 करोड़ 50 लाख रूपये की लागत का फार्म हाउस खरीदा गया हैं। अभियुक्त जालम चन्द जैन द्वारा प्रशांत काबरा से ली गई गबन की राशि से उदयपुर से नाथद्वारा रोड़ पर फार्म हाउस खरीदा गया जिस पर आलीशान विनायक रिसॉर्ट बनाया हुआ है। उक्त फार्म हाउस व रिसॉर्ट की संपति को फ्रीज करवाने के लिये न्यायालय मे आवेदन पेश किया गया हैं। प्रशांत काबरा द्वारा बैंक के जिन खाता धारकों के खातों से छेड़छाड़ कर धोखाधडी की गई उस राशि की भरपाई की जा सके। गिरफतार अभियुक्तों से गहन अनुसंधान जारी हैं, जिससे गबन की राशि में बढ़ोतरी की पूर्ण संभावना है।
ज्ञात रहे प्रकरण में गिरफतार अभियुक्त जालम चन्द जैन पुलिस थाना धानमण्डी उदयपुर का हिस्ट्रशीटर होकर इसके खिलाफ जिला उदयपुर के विभिन्न थानों मे व शहर धरियावद थाने पर कुल 19 प्रकरण गंभीर धाराओं जिसमे राजकार्य मे बाधा, हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण, मारपीट आदि के दर्ज है। अभियुक्त जालम चन्द जैन के द्वारा 80 के दशक मे सगीर मोहम्मद हत्याकाण्ड का मुख्य आरोपी रहा है।
गिरफ्तार अभियुक्त :- 01. प्रशान्त पिता नरेन्द्र कुमार काबरा उम्र 32 साल निवासी कैलाश नगर चामटी खेडा रोड चितौडगढ़, हाल बैक मैनेजर आईसीआईसीआई बैंक धरियावद पुलिस थाना धरियावद। 02. जालमचन्द पिता पेमराज जाति जैन उम्र 72 साल निवासी उदयपुर थाना धानमण्डी जिला उदयपुर।
