Voice of Pratapgarh News ✍️ रिपोर्टर पंडित मुकेश कुमार
चित्तौड़गढ़। गौसेवार्थ नानी बाई मायरा कथा का शुभारंभ भव्य शोभायात्रा के साथ किया गया, जो चारभुजा मंदिर से कथा स्थल तक निकाली गई। इस शोभायात्रा में बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया और नानी बाई की भक्ति की भावना को व्यक्त किया।
चित्तौड़गढ़ के लालजी का खेड़ा में भव्य कलश यात्रा के साथ नानी बाई का मायरा कथा का शुभारंभ हुआ। शोभायात्रा के दौरान, भक्तों ने नानी बाई की प्रतिमा को चारभुजा मंदिर से कथा स्थल तक ले जाया, जहां नानी बाई मायरा कथा का आयोजन किया गया था। इस दौरान, भक्तों ने नानी बाई की भक्ति के गीत गाए और नृत्य किया।
शोभायात्रा के बाद, कथा स्थल पर नानी बाई मायरा कथा का आयोजन किया गया, जहां प्रशासनिक संत हरे कृष्णा हरे प्रभु राकेश पुरोहित ने नानी बाई की कथा का शुभारंभ और उन्होंने भक्तों को नरसी के चरित्र एवं नानी बाई की भक्ति की भावना से जोड़ा।
कथा में प्रशासनिक संत हरे कृष्णा हरे प्रभु राकेश पुरोहित ने बताया कि नरसी मेहता की कथा में भोलेनाथ, भगवान शिव के ऊपर प्रकाश डालना एक महत्वपूर्ण पहलू है। नरसी मेहता ने अपनी कविताओं और गीतों में भगवान शिव की महिमा का वर्णन किया है और उन्हें अपने आराध्य देव के रूप में पूजा की है। नरसी मेहता की कथा में भगवान शिव के विभिन्न रूपों और उनकी महिमा का वर्णन किया गया है। इसमें भगवान शिव के नृत्य, उनकी तपस्या, और उनकी कृपा के बारे में बताया गया है। उन्होंने बताया कि नरसी मेहता की कथा में भगवान शिव के ऊपर प्रकाश डालने से यह पता चलता है कि नरसी मेहता भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे और उन्हें अपने आराध्य देव के रूप में पूजा करते थे। भूखे प्यासे बालक नरसी ने नहीं मानी हार, यह नरसी मेहता की जीवन कहानी का एक महत्वपूर्ण पहलू है। नरसी मेहता का बचपन बहुत ही कठिनाइयों से भरा हुआ था। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, और उन्हें अक्सर भूखे पेट रहना पड़ता था। लेकिन नरसी मेहता ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी कठिनाइयों का सामना किया और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की। उन्होंने अपने गुरु के पास जाकर शिक्षा प्राप्त की और भगवान की भक्ति में लीन हो गए।
इस दौरान गौ सेवक धर्मभाई सियाणा गौधाम पंडित नारायण शर्मा महेंद्र सिंह मेहता महेश नुवाल अभिषेक शर्मा मुकेश कुमार गुर्जर अनिल कुमार शर्मा पुरुषोत्तम कुमार सोनी लोकेश शर्मा मनोज त्रिपाठी मुकेश राजपुरोहित सहित हजारों भक्त कथा मे उपस्थित थे
