नाला निर्माण में अनियमितताएं, जिला कलक्टर ने मांगी 3 दिवस में स्पष्टिकरण रिपोर्ट

प्रतापगढ़। जिला कलक्टर डॉ. अंजलि राजोरिया ने बताया कि प्रशासन शहरों के संग अभियान 2021-22 एवं उसके पश्चात् नगरपरिषद प्रतापगढ़ द्वारा धारा 69(क) के अंतर्गत जारी पट्टों में पाई गई अनियमितताओं तथा शहर के मध्य स्थित प्राकृतिक नाला क्षेत्र एवं परिधि भूमियों पर विधि विरुद्ध नाला ढकने हेतु संचालित निर्माण कार्य में की गई अनियमितताओं के संबंध में प्राप्त शिकायतों, 80 CPC नोटिस तथा संबंधित विभागों एवं जांच समितियों की रिपोर्ट के आधार पर नाला क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यों की कमियां सामने आई हैं।

जांच रिपोर्ट के अनुसार नगरपरिषद द्वारा संचालित कार्यों में माननीय उच्च न्यायालय एवं NGT के आदेशों की अनुपालना का अभाव, नाला भूमि पर कार्य से पूर्व प्रक्रियागत अनुमतियां एवं अभिलेख संधारण में कमी, जल निकासी व वर्षा जल प्रवाह हेतु आवश्यक तकनीकी व्यवस्थाओं की कमी, सक्षम स्तर से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) न लेना, जल प्रदूषण एवं नियंत्रण अधिनियम 1974 के तहत राजपत्र प्रकाशन का अभाव, तथा राज्य सरकार से स्वीकृतियां लिए बिना निविदाएं जारी करने जैसी अनियमितताएं पाई गई हैं।

इसके अतिरिक्त 492.20 लाख रुपये की लागत वाली निविदा का प्रसारण RTPP नियम–2013 के अनुरूप अखिल भारतीय स्तर के समाचार पत्र में प्रकाशित नहीं किया गया, निविदा में मात्र दो फर्मों की भागीदारी होने पर भी उच्चतर प्राधिकारी से स्वीकृति नहीं ली गई, उपलब्ध बजट एवं पूर्व देनदारियों की जांच बिना निविदा स्वीकृत की गई, AVVNL को देय 166 लाख रुपये लंबे समय से बकाया रहते हुए भी नगरपरिषद द्वारा प्राकृतिक नाला ढकने जैसे अवैधानिक कार्यों पर राशि खर्च की गई तथा जल संसाधन एवं पर्यावरण नियंत्रण विभाग से तकनीकी टिप्पणियां लिए बिना कार्य प्रारंभ किया गया। वर्ष 2018 से 2022 तक संकलित लीज राशि में से 678.13 लाख रुपये राज्यांश संचित निधि में जमा नहीं कराने और धारा 69(क) के तहत जारी पट्टों से संबंधित जांच निर्देशों की पालना नहीं करने की भी पुष्टि हुई है।

जिला कलक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि संबंधित अधिकारी सभी बिंदुओं पर पदीय दायित्वों के अनुसार विस्तृत स्पष्टिकरण रिपोर्ट 03 दिवस के भीतर उपलब्ध कराएं अन्यथा उनके विरुद्ध सक्षम स्तर पर कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी।

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